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सांदीपनि आश्रम (Sandipani Ashram), उज्जैन


आश्रम का संबंध महाभारत काल से है। यह आश्रम उज्जैन से मात्र 2 किमी की दूरी पर है, तो आप आसानी से यहां पहुंच सकते हैं, या किसी परिवाहन की सहायता से. यह प्राचीन समय के प्रमुख शिक्षा केंद्रों में से सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यहाँ श्री कृष्ण बलराम और सुदामा ने महर्षि सांदीपनि से धनुर्विद्या, शास्त्र विद्या, मन्त्र उच्चारण, गज अश्व रोहण शिक्षा प्राप्त की थी यह संपूर्ण विद्या उन्होंने मात्र 126 दिनों में प्राप्त कर ली थी. इसी आश्रम में श्री कृष्ण को जगतगुरु की उपाधि मिली थी। वर्तमान में यह आश्रम मंदिर में बदल गया है जो सांदीपनि महर्षि को समर्पित है।

कैसे पहुंचे?

वायु मार्ग
निकटतम हवाई अड्डा देवी अहिल्याबाई होल्कर हवाई अड्डा इंदौर (50 किमी)। यहाँ से दिल्ली, मुंबई, पुणे, जयपुर, हैदराबाद और भोपाल की नियमित उड़ानें हैं।

सड़क मार्ग
नियमित बस सेवाएं उज्जैन को इंदौर, भोपाल, रतलाम, ग्वालियर, मांडू, धार, कोटा और ओंकारेश्वर आदि से जोड़ती हैं।

ट्रेन द्वारा
उज्जैन पश्चिम रेलवे जोन का एक रेलवे स्टेशन है। यहाँ का (UJN) कोड है । यहाँ से कई बड़े शहरों के लिए ट्रेन उपलब्ध हैं।

गोमती कुंड

इसी आश्रम परिसर में एक तालाब है जो की हजारो वर्ष पुराना है जिसे सभी कोई गोमती कुंड के नाम से जानते हैं। इसकी घराई बहुत अधिक है।

कुंडेश्वर महादेव मंदिर

आश्रम परिसर में कुंडेश्वर महादेव मंदिर भी स्थापित है मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग स्थापित है और मंदिर के बहार खड़े नंदी स्थापित है. मैं आपको बता दूं की किसी मंदिर में खड़े नंदी का देखा जाना दुर्लभ है।

सांदीपनि मंदिर

कुंडेश्वर महादेव मंदिर के सामने महर्षि सांदीपनि मंदिर है इसमें महर्षि संदीपनि जी की मूर्ति स्थापित है।

अंगारेश्वर मंदिर

आश्रम परिसर में अंगारेश्वर मंदिर भी स्थापित है जिसमें शिवलिंग स्थापित है माना जाता है की मंगलवार की चतुर्थी के दिन यहां आकार दर्शन व्रत और पूजा करने से संतान धर्म यश की प्राप्ति होती है।

गौ माता मंदिर

यहां एक गौ माता मंदिर भी है जिसमें गौ माता की पूजा होती है और इसी जगह को गौ माता का जन्म स्थान भी कहा जाता है।


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